इस लेख में हमने जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय (Biography of Jaishankar Prasad in Hindi) प्रकाशित किया है। उन्हें आधुनिक हिन्दी साहित्य जगत के बहुमुखी प्रतिभा के हिन्दी साहित्यकारों और कवियों में से एक माना जाता है। हिन्दी नाटक के क्षेत्र में भी उनका महान योगदान रहा है।
उन्होंने नाटक, कहानी, उपन्यास तथा निबंध जैसी हिंदी साहित्य की विधाओं को एक ही समय पर अपनी प्रतिभा से प्रकाशित किया। जयशंकर प्रसाद जी हिंदी साहित्य के छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं, जिन्हें छायावादी युग को स्थापित करने का श्रेय प्राप्त है। आईये आपको उनकी जीवनी विस्तार में बताते हैं।
प्रारंभिक जीवन
जयशंकर प्रसाद जी का जन्म 30 जनवरी को उत्तरप्रदेश वाराणसी के काशी में हुआ था। इनके दादा जी का नाम शिव रतन साहू तथा पिता जी का नाम देवीप्रसाद था और इनके बड़े भाई का नाम शंभू रत्न था।
इनके दादा जी तथा पिताजी काशी में तंबाकू का व्यापार करते थे, जिसके कारण इनका परिवार पूरे काशी में सुंघनी साहू के नाम से प्रसिद्ध था। जयशंकर प्रसाद जी के दादाजी, भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त और बहुत ही दयालु व्यक्ति थे।
जो दान और धर्म में अधिक विश्वास रखते थे। इनके पिताजी भी बहुत ही उदार, दानी तथा साहित्य से प्रेम करने वाले व्यक्ति थे। जयशंकर प्रसाद जी का बचपन बहुत ही सुख और समृद्धि से व्यतीत हुआ था। इन्होने अपने माता जी के साथ भ
Jaishankar Prasad
Jaishankar Prasad जयशंकर प्रसाद, जिन्हें एक महान कवि के रूप में कौन नहीं जानता। उन्होंने न सिर्फ हिन्दी साहित्य में अपना अति महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि अपनी रचनाओं और नाटकों के माध्यम से युग परिवर्तन कर दिया।
कवी-आलोचक महादेवी वर्मा कहती है : जब मैं अपने महान कवियों की बात करती हु, तो जयशंकर प्रसाद Jaishankar Prasad का चित्र निश्चित ही मेरे दिमाग में सबसे पहले आता है. ऐसा लगता है जैसे
हिमालय के बिच में एक पेड़ गर्व से खड़ा हो। गगनचुम्बी होने की वजह से बर्फ़बारी, बारिश और तपती धुप भी उनपर हमला करती है। जहा पानी भी बहोत कम है ऐसा लगता है जैसे पानी उस पेड़ की जड़ो के बिच लुका-छुपी खेल रहा हो। लेकिन भरी बर्फ़बारी, वर्षा और तेज़ धुप में भी वह पेड़ ऊंचाइयों पर गर्व से खड़ा है।
महान कवी जयशंकर प्रसाद की जीवनी Jaishankar Prasad
| पूरा नाम (Name) | महाकवि जयशंकर प्रसाद | |||||||||||||||||||||||||||||||||
| जन्म (Birth) | 30 जनवरी, ई. | |||||||||||||||||||||||||||||||||
| जन्मस्थान (Birthplace) | वाराणसी, उत्तर प्रदेश | |||||||||||||||||||||||||||||||||
| मृत्यु (Death) | 15 नवम्बर, साल (आयु- 48 वर्ष) | |||||||||||||||||||||||||||||||||
| मृत्यु स्थान (Deathplace) | वाराणसी, उत्तर प्रदेश | |||||||||||||||||||||||||||||||||
| विवाह (Wife) | पहली पत्नी विंध्यवाटिनी, दूसरी पत्नी- कमला देवी | |||||||||||||||||||||||||||||||||
| पुत्र (Son) | रत्नशंकर | |||||||||||||||||||||||||||||||||
| कर्म-क्षेत्र (Occupation) | उपन्यासकार, नाटककार, कवि | |||||||||||||||||||||||||||||||||
| मुख्य रचनाएं (Poem) | चित
Jaishankar Prasad / जयशंकर प्रसाद एक प्रसिद्ध कवि, नाटककार, कथाकार, साहित्यकार तथा निबन्धकार थे। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने उपन्यास, कहानी, कविता और नाटक जैसे विभिन्न विधाओं में अपार योगदान दिया। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान वे एक राष्ट्र प्रेमी कवि की तरह काम कर रहे थे। आइये जाने जयशंकर प्रसाद की जीवन परिचय के बारे में (Jaishankar Prasad ka Jeevan Parichay). जयशंकर प्रसाद जी का परिचय Jaishankar Prasad ka Jeevan Parichay
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